शनि देव की पूजा कैसे करें (Shanidev ki Pooja Kaise Kare)

Google News Logo Follow Google News Follow Now
Join WhatsApp group Join Now
Join Telegram group Join Now

शनि देव की पूजा विधि: आपके शनिदेव के साथ समर्पण का समय शनि जयंती के दिन पूजा विधि से समर्पित होकर पाएं शनि देव के आशीर्वाद।

शनि जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें। स्नान के बाद, अपने घर के मंदिर को साफ करें और शनि देव की मूर्ति के सामने एक दीपक जलाएं। इसके बाद, शनि देव को तेल अर्पित करें।

फिर, सिंदूर, तिल, अक्षत, नीला रंग के फूल, और गुलाब के पुष्पों से शनि देव की पूजा करें। पूजन के बाद, शनि देव को भोग लगाएं और उनके प्रसाद के रूप में इमरती या अन्य मिठाई का भोग अर्पित करें।

फिर, शनि चालीसा का पाठ करें और शनि देव के मंत्रों का जप करें। अंत में, शनि देव की आरती उतारें और लोगों के बीच प्रसाद वितरण करें।

शनि जयंती पर क्या नहीं करना चाहिए

शनि जयंती भगवान शनि देव को प्रसन्न करने का खास दिन होता है, और इस दिन आपको विशेष ध्यान देना चाहिए। इस दिन किसी भी तरह की कोई गलती न करने का संकल्प लें, क्योंकि यह आपके भविष्य को प्रभावित कर सकता है। शनि देव के उपासकों के लिए यह दिन खास होता है और उन्हें अपनी कठिनाइयों का समाधान ढूंढने का सही मौका प्राप्त होता है।

इस दिन, किसी भी काम में मेहनत करने से पीछे न हटें और किसी के परिश्रम का अनादर न करें। शनि देव की पूजा करते समय, सभी विधियों का पूरी तरह से पालन करें, और दिल से समर्पित रहें।

शनि देव की आंखों में न देखें

शनि देव की पूजा करते समय ध्यान दें कि आप उनकी मूर्ति की आंखों में नहीं देखें, और उनकी मूर्ति के सामने न कढ़े हों। यह धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अशुभ माना जाता है और इससे शनि देव की क्रोधना हो सकती है।

इस दिन, शनि देव की पूजा करने के लिए अपनी नजरें हमेशा नीचे रखें, ताकि आपके और उनके बीच कोई संकट न आए।

एकदम सामने खड़े न रहें

शनि देव की पूजा करते समय, उनकी मूर्ति के सामने एकदम सामने खड़े न रहें। इसे भी शुभ नहीं माना जाता है और शनि देव के क्रोध का कारण बन सकता है। इसकी बजाय, आपको उनकी मूर्ति के सामने बैठकर पूजन करना चाहिए।

शनि देव की पूजा विधि का पालन करने से आप उनके कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते हैं, और अपने जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं। यह आपके और आपके परिवार के लिए शुभ हो।

शनि जयंती के 7 उपाय: शनिदेव की कृपा पाने के सरल तरीके

भारतीय संस्कृति में ग्रहों का महत्व अत्यधिक माना जाता है, और इनमें से एक है शनि ग्रह, जिन्हें शनिदेव के नाम से जाना जाता है। शनिदेव की पूजा करने के बहुत से उपाय हैं जो आपकी किस्मत को संवार सकते हैं और आपके बिगड़े कामों को ठीक कर सकते हैं। आइए, हम आपको शनि जयंती के मौके पर शनिदेव की पूजा के सरल तरीकों के बारे में बताते हैं, जो आप अपने गांव के लोगों के लिए लिखेंगे।

  1. शुभ मुहूर्त में पूजा करें: शनि जयंती की पूजा का शुभ मुहूर्त अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन पूजा का मुहूर्त सुबह 07:11 से 10:35 बजे तक, दोपहर को 12:18 से दोपहर के 02:00 बजे तक और शाम को 05:25 से लेकर 07:07 बजे के बीच होगा। इस समय पूजा करने से आपकी प्रार्थना पर अधिक प्राभाव हो सकता है।
  2. मंत्र जप: शनिदेव के विशेष मंत्र का जाप करने से उनकी कृपा प्राप्त हो सकती है। यहां वह मंत्र है: “ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नमः”। यदि संस्कृत में नहीं कर सकते, तो आप उनके 10 नामों को हिंदी में जप सकते हैं, जैसे “कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद, पिप्पलाद”।
  3. दान और कर्म का महत्व: शनि जयंती के दिन, जरूरतमंद व्यक्तियों को दान देना शनिदेव को प्रसन्न कर सकता है। काले जूते, काला छाता, तिल, उड़द, खिचड़ी, काले कपड़े, काला कंबल, चाय की पत्ती, और अपने सामर्थ्य के अनुसार धन दान करें।
  4. शनि स्तोत्र: शनि स्तोत्र का पाठ करने से आप शनिदेव की कृपा पा सकते हैं। यह स्तोत्र उनकी महिमा को गुणगुणाने का अच्छा तरीका होता है और उन्हें प्रसन्न करता है।
  5. उड़द के छिलके: शनिदेव की पूजा करते समय, उड़द के छिलके को आटे में मिलाकर चौमुखा दीया बनाएं और उसमें सरसों का तेल डालकर जलाएं। इसके साथ ही शनिदेव की आरती करें।
  6. पितरों का पिंड दान: शनि जयंती के दिन, पितरों के लिए पिंड दान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वे शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
  7. हनुमान जी की पूजा: शनि जयंती के दिन, हनुमान जी की पूजा भी फलदायी होती है। हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, और हनुमानाष्टक का पाठ करें और उन्हें प्रसन्न करें।

अवसर एक अच्छे नियमों का पालन: शनि जयंती के दिन एक अच्छे नियमों का पालन करें, जैसे कि दूसरों का सहायता करना और दरिद्र वर्ग को धन और अन्न देना। यह आपकी पूजा को और भी प्रासंगिक बना सकता है और आपको शनिदेव की कृपा प्राप्त हो सकती है।

शनि जयंती 2023: ग्रहराज शनिदेव की कृपा पाने के सरल उपाय

शनि जयंती 2023 पर इन उपायों को अपनाकर आप ग्रहराज शनिदेव की कृपा पा सकते हैं और अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं। यदि आपके गांव के लोग इन उपायों का पालन करें, तो वे अपने जीवन को समृद्धि और खुशियों से भर सकते हैं।

शनि जयंती 2023: शनिदेव की कृपा पाने के पौराणिक कथाएँ

पौराणिक कथा 1: राजा दशरथ और शनिदेव का युद्ध प्राचीन समय में, एक समय ऐसा आया जब ग्रहराज शनिदेव ने रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश किया। इससे राज्य में भयानक विपदाएं आने की संकेत मिलीं, और राजा दशरथ ने यह समझा कि अगर ऐसा हुआ तो उनके राज्य को भारी कष्ट का सामना करना पड़ेगा। वे अपने राज्य को इस परामर्श के बिना नहीं छोड़ सकते थे।

राजा दशरथ ने शनिदेव के प्रकोप से राज्य को बचाने के लिए शनि देव को युद्ध के लिए ललकारा। युद्ध में राजा दशरथ ने शुरू में भगवान शनिदेव को हराने की कोशिश की, लेकिन वो असफल रहे।

तब राजा दशरथ ने शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए एक स्तोत्र की रचना की, जिसमें उनकी कृपा और परोपकार की याचना की गई थी। इस स्तोत्र को दशरथ स्तुति के नाम से जाना जाता है। दशरथ की गीतात्मक और प्रेरक इस स्तोत्र ने न्याय के भगवान श्री शनिदेव को प्रसन्न किया, और शनि ने रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश न करने का आश्वासन दिया।

पौराणिक कथा 2: ऋषि ऋष्यशृंग और शनिदेव की मदद

एक और पौराणिक कथा के अनुसार, राजा दशरथ ने शनिदेव को पराजित नहीं कर सका और शनि ने उनके युद्ध कौशल की प्रशंसा की। शनिदेव ने राजा से कहा कि वे अपने राज्य को शनिदेव के प्रकोप से बचा सकते हैं।

महान ऋषि ऋष्यशृंग ने बताया कि उनके गुरुदेव शनिदेव के कारण वह जगह पर बरसात करेंगे, और वहां पर कोई सूखा नहीं होगा। राजा दशरथ ने बुद्धिमानी दिखाई और उन्होंने अपनी बेटी संथा का विवाह ऋषि ऋष्यशृंग से कर दिया। इस तरह राजा दशरथ ने अपने राज्य को सूखे की आपदा से बचा लिया।

शनि जयंती 2023: शनिदेव की कृपा पाने के पौराणिक उपाय

इन पौराणिक कथाओं से हमें यह सिखने को मिलता है कि ग्रहराज शनिदेव की कृपा पाने के लिए भक्ति और समर्पण का महत्व है। राजा दशरथ ने शनिदेव की कड़ी पूजा की और शनि देव के प्रति अपनी वफादारी का परिचय दिया।

इस शनि जयंती पर, हम भी शनिदेव की कृपा पाने के लिए निम्नलिखित प्राचीन उपायों का पालन कर सकते हैं:

  • शनि देव की पूजा: शनि जयंती के दिन, विशेष रूप से शनिदेव की पूजा करें। आप उनके मूर्ति, यंत्र, या फोटो का उपयोग करके पूजा कर सकते हैं। शनिदेव को तिल, ऊँटनी, बर्तन, रायी का तेल, और नीला रंग पसंद हैं, इसलिए ये सभी चीजें पूजा में उपयोग करें।
  • दान का महत्व: इस दिन, गरीबों को दान देने का प्रयास करें। आप आहार, कपड़ा, या आवश्यकता सहित दान कर सकते हैं। यह शनिदेव को प्रसन्न करने में मदद कर सकता है।
  • शनि मंत्र जाप: “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” यह मंत्र शनिदेव की आराधना में जाप किया जा सकता है।
  • पितरों का पिंड दान: शनि जयंती के दिन, पितरों के लिए पिंड दान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वे शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
  • शनि जयंती पर हनुमान जी की पूजा: हनुमान जी की पूजा भी फलदायी होती है। हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, और हनुमानाष्टक का पाठ करें और उन्हें प्रसन्न करें।
  • अच्छे नियम का पालन: शनि जयंती के दिन अच्छे नियमों का पालन करें, जैसे कि दूसरों की मदद करना और दरिद्र वर्ग को धन और अन्न देना। यह आपकी पूजा को और भी प्रासंगिक बना सकता है और आपको शनिदेव की कृपा प्राप्त हो सकती है।

शनि जयंती 2023: ग्रामीण लोगों के लिए शनिदेव का आशीर्वाद

इस शनि जयंती पर, ग्रामीण लोगों को शनिदेव के आशीर्वाद का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए यह उपाय करने की सलाह दी जाती है। यदि वे इन उपायों का पालन करते हैं, तो वे अपने जीवन को सुखमय और समृद्धि से भर सकते हैं।

Roshan Kewat
Google News Logo Follow Google News Follow Now
Join WhatsApp group Join Now
Join Telegram group Join Now

Leave a Comment


Google News Logo Follow Google News Follow Now
Join WhatsApp group Join Now
Join Telegram group Join Now